♂️ आचार्य प्रशांत से मिलना चाहते हैं?<br />लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: https://acharyaprashant.org/hi/enquir...<br /><br /> आचार्य प्रशांत की पुस्तकें पढ़ना चाहते हैं?<br />फ्री डिलीवरी पाएँ: https://acharyaprashant.org/hi/books?...<br /><br />➖➖➖➖➖➖<br /><br />#acharyaprashant<br /><br />वीडियो जानकारी: 09.01.24, गीता समागम, ऋषिकेश<br /><br />प्रसंग: <br />~ ज़रूरत और लालच में क्या अन्तर है?<br />~ हमारी ज़रूरत कितनी होनी चाहिए?<br />~ अपनी ज़रूरतों को कम कैसे करें?<br />~ हमारी मूलभूत आवश्यकताएँ क्या हैं?<br />~ आकर्षण सामने आता है, लालच में फिसल जाता हूँ, क्या करूँ?<br /><br />1. राम नाम कड़वा लगे, मीठा लागे दाम।<br /> दुविधा में दोनों गए, माया मिली न राम।।<br /><br />2. झूठे सुख को सुख कहे, मानत है मन मोद।<br /> जगत चबैना काल का, कुछ मुख में कुछ गोद ।।<br /><br />3. मोटी माया सब तजै, झीनी तजी न जाय।<br /> पीर पैगंबर औलिया, झीनी सबको खाय।।<br /><br />4. माया छोड़न सब कहे, माया छोड़ी न जाय।<br /> छोड़न की जो बात करूँ, बहुत तमाचा खाय।।<br /><br />5. माया तो ठगनी भई, ठगत फिरे सब देस।<br /> जा ठग ने ठगनी ठगी, ता ठग को आदेश।।<br /><br />6. काल काल सब कोई कहे, काल न जाने कोय। <br /> जेति मन की कल्पना, काल कहावे सोय।।<br />~ कबीर साहब <br /><br />संगीत: मिलिंद दाते<br />~~~~~